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Sunday, March 2, 2014

मिड-डे मील योजना शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं : हाईकोर्ट

मिड-डे मील योजना शिक्षकों की जिम्मेदारी नहीं : हाईकोर्ट

बॉम्बे हाईकोर्ट ने मिड-डे मील योजना से जुड़े मामले में अहम फैसला दिया है। कोर्ट ने कहा है कि इस योजना को लागू करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की नहीं है। महाराष्ट्र सरकार यह सुनिश्चित करे कि शिक्षकों को इस योजना के काम में न लगाया जाए। कोर्ट ने सरकार से अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।
हाईकोर्ट ने महिला संगठनों की याचिका पर यह फैसला दिया। कोर्ट ने कहा कि मिड-डे मील योजना के काम में शिक्षकों को नहीं लगाया जा सकता। ऐसा करना एजुकेशन एक्ट का उल्लंघन है। एक्ट के मुताबिक शिक्षक को जनगणना, चुनाव और आपदा राहतकार्य के अलावा किसी भी गैर-शैक्षणिक काम में नहीं लगाया जा सकता। कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार के एक निर्देश का जिक्र करते हुए कहा, 'निर्देश देखकर लगता है कि शिक्षकों का पढ़ाई से कोई लेना-देना ही नहीं है। योजना भले ही जनकल्याणकारी हो लेकिन शिक्षकों पर इसका बोझ नहीं डाला जा सकता।'
महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल जुलाई में निर्देश जारी किया था। कहा था कि स्कूल के हेडमास्टर या वरिष्ठ शिक्षक को महीने में एक बार सेंट्रल किचन (जहां मिड-डे मील बन रहा हो) का औचक निरीक्षण करना चाहिए। खाना भी चखना चाहिए।

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